... कि महाभारत के एक श्लोक पर आधारित ११वीं शताब्दी में रामानुज ने पृथ्वी का पूर्ण नक्शा बनाया था, जिसमें एक फलक में महान शशक और दूसरे में दो पत्ते जुड़े दिखते हैं।
... कि वाराणसी का नाम वरणासि नामक नदी के नाम से व्युत्पन्न है, और इसमें असि नदी के नाम का अंश नहीं है।
... कि बनारस में १०० से अधिक घाट हैं, जिनमें से ८४ मुख्य घाट हैं।
... कि महान शल्य चिकित्सक सुश्रुत, जिन्होंने शल्य-क्रिया का संस्कृत ग्रन्थ सुश्रुत संहिता लिखा था; वाराणसी में ही आवास करते थे।
... कि सरस्वती भवन संग्रहालय, वाराणसी में गोस्वामी तुलसीदास की एक पांडुलिपि की मूल प्रति भी रखी है।
... कि बनारस की प्रथम रेलवे लाइन दिसंबर, १८६२ में ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने कोलकाता से बनवायी थी।
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